The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश website करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

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